विश्व की प्रमुख लिपियाँ (भाग 1/5) - ब्राह्मी से कन्नड़
प्रस्तुतकर्ता: आचार्य आशीष मिश्र
📜 लिपियों का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
मानव सभ्यता के विकास में **लिपियों** की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। यह लेख **60 प्रमुख लिपियों** का अध्ययन **5 भागों** में प्रस्तुत करता है। इस भाग में हम **ब्राह्मी, खरोष्ठी, गुप्त, देवनागरी, पालि, शारदा, ग्रंथ, कैथी, सिद्धम, तामिल, तेलुगु और कन्नड़** लिपियों का अध्ययन करेंगे।
📌 टेबल ऑफ कंटेंट
📜 ब्राह्मी लिपि
ब्राह्मी भारतीय लिपियों की जननी मानी जाती है। इसका प्रयोग अशोक के शिलालेखों में मिलता है।
📜 खरोष्ठी लिपि
खरोष्ठी लिपि का उपयोग प्राचीन गांधार क्षेत्र (वर्तमान पाकिस्तान और अफगानिस्तान) में होता था। इसे दाएँ से बाएँ लिखा जाता था।
📜 गुप्त लिपि
गुप्त लिपि का प्रयोग गुप्त साम्राज्य (3री-6वीं शताब्दी) के दौरान हुआ। यह ब्राह्मी लिपि से विकसित हुई थी।
📜 देवनागरी लिपि
देवनागरी भारत की प्रमुख लिपि है जिसका उपयोग संस्कृत, हिंदी, मराठी, और नेपाली जैसी भाषाओं में किया जाता है।
📜 पालि लिपि
पालि लिपि बौद्ध धर्मग्रंथों के लेखन में प्रयोग होती थी। यह ब्राह्मी से विकसित हुई और विभिन्न रूपों में उपयोग की जाती थी।
📜 शारदा लिपि
शारदा लिपि का उपयोग प्राचीन कश्मीर और उत्तर भारत में हुआ था। यह ब्राह्मी परिवार की लिपि है।
📜 ग्रंथ लिपि
ग्रंथ लिपि का उपयोग तमिलनाडु में संस्कृत ग्रंथों को लिखने के लिए किया जाता था।
📜 कैथी लिपि
कैथी लिपि का उपयोग मुख्य रूप से बिहार और उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक कार्यों के लिए होता था।
📜 सिद्धम लिपि
सिद्धम लिपि का उपयोग मुख्य रूप से बौद्ध ग्रंथों में किया जाता था और यह जापान में आज भी पाई जाती है।
📜 तामिल लिपि
तामिल लिपि का प्रयोग प्राचीन काल से तमिल भाषा को लिखने के लिए किया जाता है और यह द्रविड़ भाषा परिवार से जुड़ी है।
📜 तेलुगु लिपि
तेलुगु लिपि भारतीय ब्राह्मी लिपि से विकसित हुई और दक्षिण भारत में तेलुगु भाषा के लेखन में प्रयुक्त होती है।
📜 कन्नड़ लिपि
कन्नड़ लिपि दक्षिण भारत में कन्नड़ भाषा के लेखन के लिए प्रयोग होती है और इसकी उत्पत्ति ब्राह्मी परिवार से हुई है।
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