Tuesday, April 9, 2024

वेद का पर्यायवाची शब्द ही विज्ञान है

 

  •  ऋषि : अग्निः ऋषि
  •  मण्डल: 10
     सूक्त: 1028
  •  अष्टक: 8
     अध्याय: 64
     वर्ग: 2024
  •  मण्डल(2): 10
     अनुवाक: 85

ऋग्वेद विवरण

इस ऋग्वेद से सब पदार्थों की स्तुति होती है अर्थात् ईश्वर ने जिसमें सब पदार्थों के गुणों का प्रकाश किया है, इसलिये विद्वान् लोगों को चाहिये कि ऋग्वेद को प्रथम पढ़के उन मन्त्रों से ईश्वर से लेके पृथिवी-पर्य्यन्त सब पदार्थों को यथावत् जानके संसार में उपकार के लिये प्रयत्न करें। ऋग्वेद शब्द का अर्थ यह है कि जिससे सब पदार्थों के गुणों और स्वभाव का वर्णन किया जाय वह ‘ऋक्’ वेद अर्थात् जो यह सत्य सत्य ज्ञान का हेतु है, इन दो शब्दों से ‘ऋग्वेद’ शब्द बनता है। ‘अग्निमीळे’ यहां से लेके ‘यथा वः सुसहासति’ इस अन्त के मन्त्र-पर्यन्त ऋग्वेद में आठ अष्टक और एक एक अष्टक में आठ आठ अध्याय हैं। सब अध्याय मिलके चौसठ होते हैं। एक एक अध्याय की वर्गसंख्या कोष्ठों में पूर्व लिख दी है। और आठों अष्टक के सब वर्ग 2024 दो हजार चौबीस होते हैं। तथा इस में दश मण्डल हैं। एक एक मण्डल में जितने जितने सूक्त और मन्त्र है सो ऊपर कोष्ठों में लिख दिये हैं। प्रथम मण्डल में 24 चौबीस अनुवाक, और एकसौ इक्कानवे सूक्त, तथा 1976 एक हजार नौ सौ छहत्तर मन्त्र। दूसरे में 4 चार अनुवाक, 43 तितालीस सूक्त, और 429 चार सौ उन्तीस मन्त्र। तीसरे में 5 पांच अनुवाक, 62 बासठ सूक्त, और 617 छः सौ सत्रह मन्त्र। चौथे में 5 पांच अनुवाक 58 अठ्ठावन सूक्त, 589 पांच सौ नवासी मन्त्र। पांचमें 6 छः अनुवाक 87 सतासी सूक्त, 727 सात सौ सत्ताईस पैंसठ मन्त्र। 6 छठे में छः अनुवाक, 75 पचहत्तर सूक्त, 765 सात सौ पैंसठ मन्त्र। सातमे में 6 छः अनुवाक, 104 एकसौ चार सूक्त, 841 आठ सौ इकतालीस मन्त्र। आठमे में 10 दश अनुवाक, 103 एकसौ तीन सूक्त, और 1726 एक हजार सातसौ छब्बीस मन्त्र। नवमे में 7 सात अनुवाक 114 एकसौ चौदह सूक्त, 1097 और एक हजार सत्तानवे मन्त्र। और दशम मण्डल में 12 बारह अनुवाक, 191 एकसौ इक्कानवे सूक्त, और 1754 एक हजार सातसौ चौअन मन्त्र हैं। तथा दशों मण्डलों में 85 पचासी अनुवाक, 1028 एक हजार अठ्ठाईस सूक्त, और 10589 दश हजार पांचसौ नवासी मन्त्र हैं।

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ऋग्वेद के उपलब्ध भाष्य

 स्वामी दयानन्द सरस्वती कृत संस्कृत भाष्य
 स्वामी दयानन्द सरस्वती कृत हिन्दी भाष्य
 ब्रह्ममुनि कृत संस्कृत भाष्य
 ब्रह्ममुनि कृत हिन्दी भाष्य
 शिव शंकर शर्मा कृत संस्कृत भाष्य
 शिव शंकर शर्मा कृत हिन्दी भाष्य
 आर्यमुनि कृत संस्कृत भाष्य
 आर्यमुनि कृत हिन्दी भाष्य
 माता सविता जोशी कृत मराठी भाष्य
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